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रोमियो – प्रभु हमारी धार्मिकता है|
पवित्र शास्त्र में लिखित रोमियों के नाम पौलुस प्रेरित की पत्री पर आधारित पाठ्यक्रम
भाग 1: परमेश्वर की धार्मिकता सभी पापियों को दण्ड देती है और मसीह में विश्वासियों का न्याय करती है और पापों से मुक्त करती है। (रोमियों 1:18-8:39)
द - परमेश्वर की शक्ति हमें अपराध कि शक्ति से छुडाती है| (रोमियो 6:1 - 8:27)

6. यीशु में, मनुष्य अपराध, मृत्यु, और दोष से छुडाया गया है| (रोमियो 8:1-11)


रोमियो 8: 9-11
9 परन्‍तु जब कि परमेश्वर का आत्मा तुम में बसता है, तो तुम शारीरिक दशा में नहीं, परन्‍तु आत्मिक दशा में हो। यदि किसी में मसीह का आत्मा नहीं तो वह उसका जन नहीं। 10 और यदि मसीह तुम में है, तो देह पाप के कारण मरी हुई है; परन्‍तु आत्मा धर्म के कारण जीवित है। 11 और यदि उसी का आत्मा जिस ने यीशु को मरे हुओं में से जिलाया तुम में बसा हुआ है; तो जिस ने मसीह को मरे हुओं में से जिलाया, वह तुम्हारी मरनहार देहोंको भी अपके आत्मा के द्वारा जो तुम में बसा हुआ है जिलाएगा।

पौलुस ने रोम और प्रत्येक स्थान में यह गवाही दी थी कि परमेश्वर की आत्मा उनके आलसी शरीरों और दोषी स्व पर जीत गई थी, क्योंकि उनके जीवन पवित्र आत्मा की शक्ति और उद्देश्यों पर स्थापित किये गए थे| इसलिए उन्होंने उनका निर्माण किया, वापस से जन्म लेने और बढ़ने का कारण दिया, उन्हें रखा, उन्हें राहत दी, उन्हें पुष्टि दी, परमेश्वर के प्रेम से उन्हें भर दिया बहुत सी सेवाओं के लिए उन्हें प्रेरित किया, और सेवाओं को करने के लिए उन्हें शक्तिशाली बनाया| स्वयं में पवित्र आत्मा के निवास से प्रत्येक विश्वासी प्रसन्न था|

अब तक भी वह जिसके हृदय में पवित्र आत्मा का निवास नहीं है वह व्यक्ति ईसाई नहीं है, हालाँकि वह एक ईसाई रूप जन्मा था, क्योकि इस नाम का अर्थ है “वह जिसका अभिषेक परमेश्वर की आत्मा के साथ हुआ था|” जैसे स्वयं मसीह का अभिषेक पिता की आत्मा की परिपूर्णता के साथ हुआ था, वैसे ही विश्वासी है| न तो नाम, न मूल, न तो बपतिस्मा का पालन, न तो गिरजाघर भागीदारी शुल्क तुम्हे एक ईसाई बनाते है| यह केवल परमेश्वर की शक्ति के द्वारा है, जो तुममे रहती है ताकि तुम मसीह में एक सक्रिय सदस्य, उनके अपने, उनके मंदिर में एक जीवित पत्थर की तरह बनो| वह जिसे जीवन के उपहार प्राप्त नहीं हुए, परमेश्वर के प्रेम के शून्य में रहता है, मसीह के साथ उसका कुछ लेना देना नहीं है, वह उनसे अलग हो जाता है| केवल वह जिनका जन्म पवित्र आत्मा से हुआ है, मसीह के निकट एवं उनके अपने है और उनके विस्तृत भू-भाग में रह रहे है| तो निरुत्साह मत बनो, परन्तु इस बात के जानकर बनो कि जो मसीह को पूरी तरह से एवं हमेशा के लिए पकड़ नहीं लेता, उनमे उसका कोई हिस्सा नहीं है| मसीह तुम्हे पूर्णतया चाहते है और वे तुममे परिपूर्णता से निवास करते हैं| अन्यथा तुम उनसे अलग हो चुके हो, क्योकि झिझकते हुए विश्वास करना विश्वास नहीं है|

प्रिय भईयों परमेश्वर की आराधना करो, क्योकि यदि तुम उनके प्रेम के अभिषेक को प्राप्त करते हो तो मसीह तुम में बसते है| वे सभी जो आत्मा में रहते हैं, इस चमत्कार के साक्षी है क्योकि मसीह ने उनके मनों में अपनी उपस्थिति की पुष्टि की है|

ऐसा मत सोचो कि मसीह और अपराध दोनों एकसाथ तुम्हारे शारीर में रहते है| तुम एक ही समय मसीह से प्रेम और किसी और से घृणा नहीं कर सकते| तुम अपने आप को अशुद्धता को सौंप कर पवित्र आत्मा की पूर्णता का दावा नहीं कर सकते, क्योंकि यह आत्मा जलनशील है और वह तुम्हारे अपराधों को निर्दयता से नाश करता है| तुम्हारी अंतरात्मा चैन नहीं पाएगी जब तक कि तुम तुम्हारे अपराधों की स्वीकारोक्ति, आंसुओं के साथ उनके लिए प्रायश्चित, झल्लाहट के साथ उनसे घृणा, अपने अहंकारीपन का विनाश, तुम्हारे प्रदूषित स्व को नऐ रूप से मसीह, तुम्हारे निर्माता को सौंपते हो| परमेश्वर की आत्मा तुम्हारे अपराधों के विरोध में संघर्ष करती है, और पूर्णतः तुम्हे अपराधों से छुडाता है क्योंकि यीशु ने तुम्हे अशुद्धता के लिए नहीं, पवित्रता के लिए बुलाया है|

मसीह का लहू तुम्हे तुम्हारे सारे अपराधों से शुद्ध करता है, यदि तुम उनमे और उनके वादे पर विश्वास करते हो| तुम्हारी कमजोरी में उनकी शक्ति बढती है| तुम्हारी इच्छा को शक्तिशाली बनाया गया है, तुम स्वयं को नकारते हुए परमेश्वर के लिए जीते हो| याद रहे कि तुम अपने अपराधों के कारण मरोगे, परन्तु स्वर्ग से दी हुई आत्मा हमेशा जीवित है| अतः हमारे पास एक अतुलनीय आशा है, क्योंकि हम परमेश्वर के जीवन को हममें, महिमा के एक वचन के रूप में, जो कि हमारे प्रभु के आने की उम्मीद है, स्वीकृति में जीते हैं|

वही शक्ति, जो मसीह में जब वे कब्र से जी उठे थे थी, उपस्थित है और प्रत्येक जीवित विश्वासी में प्रत्येक दिन बहती है| मसीह के दूसरे आगमन पर परमेश्वर हममें अपनी जीवन शक्ति का संचार करेंगे| यह दिखाई देगा कि अनेक अविश्वासी मृतक आत्माएं है जबकि हम अनुग्रह द्वारा महिमामय और जीवित है, क्योंकि परमेश्वर की आत्मा हममें कार्य करती है, और महिमा, आनंद एवं शक्ति में दिखाई देती है क्योंकि वह स्वयं परमेश्वर है|

प्रार्थना: ओ जोवित प्रभु, हम आपकी आराधना करते है क्योकि आपने हमें आपकी पवित्र आत्मा दी ताकि हम आपकी सन्तान के रूप में हमेशा जी पायें, मसीह की मृत्यु और उनको पा सकने द्वारा हमें न्यायोचित कियागया| आपने हमें हमारे अविश्वास और भृष्टाचार से बचाया| आपका धन्यवाद करते है कि मृत्यु हमें कैद नहीं कर सकी क्योंकि हममे आपकी महिमा के निवास का वचन और आपके हाथों में हम सुरक्षित किये गए है ताकि हम दोषपूर्ण मनुष्यों के बीच आपके पुत्र के समान जी पाये|

प्रश्न:

47. पवित्र आत्मा ने उन लोगों को जो मसीह में विश्वास करते है, क्या दिया?

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