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रोमियो – प्रभु हमारी धार्मिकता है|
पवित्र शास्त्र में लिखित रोमियों के नाम पौलुस प्रेरित की पत्री पर आधारित पाठ्यक्रम
भाग 1: परमेश्वर की धार्मिकता सभी पापियों को दण्ड देती है और मसीह में विश्वासियों का न्याय करती है और पापों से मुक्त करती है। (रोमियों 1:18-8:39)
ब - विश्वास के द्वारा नई धार्मिकता सभी मनुष्यों के लिए खुली है (रोमियो 3:21 - 4:22)
3. विश्वास द्वारा न्यायोचित ठहराए गए, उदहारण के रूप में अब्राहम और दाऊद (रोमियो 4:1-24)

स) हम अनुग्रह द्वारा न्यायोचित ठहराए गए न कि नियमों द्वारा (रोमियो 4:13-18)


रोमियो 4:13–18
13 क्योंकि यह प्रतिज्ञा कि वह जगत का वारिस होगा, न इब्राहीम को, न उसके वंश को व्यवस्था के द्वारा दी गई थी, परन्तु विश्वास की धार्मिकता के द्वारा मिली | 14 क्योंकि यदि व्यवस्थ वाले वारिस हैं, तो विश्वास व्यर्थ और प्रतिज्ञा निष्फल ठहरी| 15 व्यवस्था तो क्रोध उपजती है और जहाँ व्यवस्था नहीं वहाँ उसका टालना भी नहीं| 16इसी कारण वह विश्वास के द्वारा मिलती है, कि अनुग्रह की रीति पर हो, कि प्रतिज्ञा सब वंश के लिये दृढ़ हो, न कि केवल उसके लिये जो व्यवस्था वाला है, वरन उन के लिये भी जो इब्राहीम के समान विश्वस्वले हैं : वही तो हम सब का पिता है| 17 (जैसा लिखा है, कि मै ने तुझे बहुत सी जातियों का पिता ठहराया है), उस परमेश्वर के साम्हने जिस पर उस ने विश्वास किया और जो मरे हुओं को जिलाता है, और जो बातें हैं ही नहीं, उन का नाम ऐसा लेता है, कि मनो वे हैं| 18 उस ने निराशा में भी आशा रखकर विश्वास किया, इसलिये कि उस वचन के अनुसार कि तेरा वंश ऐसा होगा वह बहुत सी जातियों का पिता हो|

जब आपने यहूदियों के खतना के बारे में गलत विश्वास की निंदा की, पौलुस ने उनके दूसरे सहारे, उनकी काल्पनिक धार्मिकता, को तहस नहस कर दिया, जो था नियमों पर उनका विश्वास|

निर्जन स्थान के लोग सोचते थे कि परमेश्वर, समझौते की तख्ती पर बैठे थे, जहाँ से वे स्वयं को प्रकट करते थे और विश्व पर शासन करते थे| वे आशा करते थे कि परमेश्वर उनके साथ तब तक रहेंगे जब तक कि वे कानून का उसके अनेक अधिकारिक आदेशों में पालन करते रहेंगे| यद्यपि, वे उनके भयानक अपराधों को नहीं पहचान पाए थे, ना ही वे, सभी लोगों के लिए परमेश्वर के विशाल प्रेम का अनुभव कर पाए थे| वे नियमों के सेवक बन गए थे| उनके हृदय पत्थर में परिवर्तित हो चुके थे और वे घमंड में अंधे थे| उन्होंने स्वयं पर परमेश्वर के क्रोध को नहीं देखा, ना ही वे मसीह को जो उनके बीच रहते थे, को पहचान पाए थे|

शोक, कलीसियाओं या समुदायों के लिए, जो जीवित मसीह में साधारण रूप से विश्वास करने के बजाये रीतिरिवाजों, निषेधों और न्याय का कठोरता पूर्वक पालन करते है! वह व्यक्ति जिसका विश्वास कमजोर है उस वकील से अच्छा है जो प्रेम नहीं करता| यह एक विशाल रहस्य है कि क़ानून, क्रोध का निर्माण करता है, पापों को उकसाता है और दंडो को लाता है| इस लिए दूर दर्शी शिक्षकों ने केवल कुछ ही शर्तों को और उनके घरों व विद्यालयों में कुछ ही अनुबंधों को रखा है क्यों कि मसीह ने हमें प्रेम, विश्वास, धीरज, और क्षमा करने के लिए पवित्र किया है, और ना कि क़ानून और रीतिरिवाजों कि गुलामी, उनके कठोर व्याख्या और उनके अत्यधिक दंडो के लिए|

पौलुस ने एक बार फिर से वकीलों के लिए इस बात की पुष्टि की थी, कि इब्राहीम नियमों के साथ मूसा के आने के बहुत पहले, विश्वास द्वारा न्यायोचित माने गए थे| अतः नियम आने के पहले ही इब्राहीम परमेश्वर पर विश्वास करते थे| विश्वासियों का मार्ग दर्शन करने के लिए आयतें बाद में आयी, और उनके घमंड को तोडा| परमेश्वर की दया में विश्वास ही सच्ची शक्ति है, जो आत्मिक जीवन का निर्माण करती है, परमेश्वर की सेवकाई के लिए विश्वासियों को प्रोत्साहन देती है, अच्छे कार्य करने के लिए उन्हें प्रेरित करती है, जबकि नियम हमें बांधते है, दोष लगाते है, दंड देते है और मार देते है|

तब इब्राहीम ने नियम के आचरण को नहीं देखा और न उसका पालन किया परन्तु केवल परमेश्वर के वादे को देखा और प्रभु पर विश्वास किया| वे सभी विश्वासियों के लिए उदहारण और आत्मिक पिता बन गए| वादे पर ऐसा भरोसा किया कि सभी राज्यों ने उनके द्वारा आशीषे पाई, यद्यपि तब तक उनकी कोई संतान नहीं थी, इब्राहीम ने बहोत सारे राज्यों और लोगों को अपने विश्वास द्वारा प्राप्त किया कि पौलुस ने उनको “संसार का उतराधिकारी” कहा|

इस रीति से, पवित्र आत्मा ने इस साधारण रेगिस्तान में भटकते हुए बूढ़े को आशीष की योजना के लिये उकसाया था जिस में स्वयं मसीह रहते थे और उन सब को जो विश्वास द्वारा न्यायोचित है, अपनी उर खीचते है|

इब्राहीम संभवतया अपने विशाल विश्वास के कारण पुराने नियम के लगभग सभी व्यक्तित्वो से श्रेष्ठ थ| परमेश्वर ने विश्वास दिलाया था किअपने बीज में वे जगत के सभी लोगों को आशीषे देंगे, उनके बीज का अर्थ मसीह स्वयं है| इब्रानी शब्द “बीज” व्यक्तिगत को सूचित करता है और उपदेशक प्रमाणित करते है, कि इब्राहीम को दिए गए वचन में विशेष रूप से मसीह का उल्लेख था| अतः जो सूली पर चढ़ाये गए द्वारा न्यायोचित है, स्वर्ग के सभी खजानों के साथ, स्वर्ग के भागीदार होंगे क्योंकि मसीह में उनके विश्वास ने उन्हें जीवन, शक्ति, और परमेश्वर की आशीषों के साथ जोड़ दिया है|

रक्षक के पास आओ कि तुम तुम्हारी मृत्यु से उठ सको| यदि तुम लगातार उनके वचन में रहो, पवित्र आत्मा तुममे और तुम्हारे आस पास एक नयी जिंदगी का निर्माण कर देगी| यदि तुम्हारी कलीसिया या समुदाय में परमेशर के वचन पर विश्वास है, यह विश्वास अपराधों में मृत्यु के ऊपर आयेगा और किसी नयी बात की स्थापना करेगा जो कि पहले नहीं पाई गयी होगी क्योंकि परमेश्वर तुम्हारे विश्वास से निर्माण और कार्य करते है, और वे तुम्हारे विश्वास की पुकार को सुनते ह| उनके वचन में तुम्हारी स्वीकृति तुममे, उसी प्रकार से जगत में परिवर्तन करती है|

प्रार्थना: ओ स्वर्गीय पिता, हमारे दिमाग संकरे, विधिपरायण वादी, न्याय के इच्छुक और दूसरों पर दोष लगाते है| हमारे हृदयों में पूर्णतः निष्ठां वान यकीन, और विश्वास के लिए स्थान बनाये, और आप की पवित्र आत्मा हमें प्रेम, साहस और पुनर्जीवन से पवित्र करे, कि वे जो अपराधों में मर चुके है उठ पाए, और हमारे राज्य में आपकी स्तुति प्रचुर रूप से हो| हम्मे आप के विश्वास का निर्माण करे कि आप अपने बचाव कार्य हमारे द्वारा कर सके

प्रश्न:

32. हम क्यों परमेश्वर के वादों में विश्वास द्वारा, ना कि नियमों के पालन द्वारा परमेश्वर की आशीष?

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