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यूहन्ना रचित सुसमाचार – ज्योती अंध्कार में चमकती है।
पवित्र शास्त्र में लिखे हुए यूहन्ना के सुसमाचार पर आधारित पाठ्यक्रम
तीसरा भाग - प्रेरितों के दल में ज्योती चमकती है (यूहन्ना 11:55 - 17:26)
द - गैतसमनी के मार्ग पर बिदाई (यूहन्ना 15:1 - 16:33)

3. दुनिया मसीह और आप के चेलों से घ्रणा करती है(यूहन्ना 15:18 - 16:3)


यूहन्ना 15:26-27
“26 परन्तु जब वह सहायक आएगा, जिसे मैं तुम्हारे पास पिता की ओर से भेजुंगा, अर्थात सत्य का आत्मा जो पिता की ओर से निकलता है, तो वह मेरी गवाहीदेगा; 27 और तुम भी मेरे गवाह हो क्योंकि तुम आरम्भ से मेरे साथ रहे हो |”

पवित्र त्रिय ने दुनिया को परमेश्वर के पुत्र से घ्रणा किये जाने और उसे क्रूस पर चढ़ाये जाने का क्या उत्तर दिया? वह उत्तर पवित्र आत्मा का भेजा जाना था | पवित्र आत्मा का आना आज के दिन का आश्चर्य है | उसका आना, परमेश्वर का दुनिया में आने का संकेत देता है, क्योंकि वह पिता से निकलकर आता है और अपने अस्तित्व और मत में परमेश्वर के साथ अनुकूलित रहता है | वह दुनिया का उद्धार चाहता है और सृष्टी में हिस्सा लेना चाहता है | आत्मा दुनिया में दुष्ट का न्याय करता है और जैसे ही वह सारी अस्वच्छता को खोल कर रख देता है, हमें परमेश्वर की पवित्रता की ओर ले जाता है | चेलों में आप का अस्तित्व नम्रता और संयम की प्रेरणा देता है, जब की घमंड, जिद और धोके में दुनिया का दम घुटता है | प्रथम: वह सत्य का आत्मा है जो दुनियावालों को उनके पापों के लिये डांटता है|

साथ ही साथ वह चेलों को सांत्वना देता है और उन्हें विश्वास दिलाता है कि यीशु परमेश्वर के पुत्र हैं जो उनके उद्धार का काम पूरा कर चुके हैं | सांत्वना देने वाला आत्मा स्वय: हमारी आत्माओं को यीशु के बारे में गवाही देता है ताकि हम पुत्र के प्रेम में स्वय: पिता को देखें | पवित्र आत्मा के बगैर हम सत्य विश्वास प्राप्त नहीं कर सकते | सब विश्वासियों के साथ हम यह मानते हैं कि हम केवल अपने ही प्रयत्नों और क्षमता से अपने प्रभु यीशु मसीह पर विश्वास नहीं कर सकते न ही आप की आत्मा के बगैर हम आप के पास आ सकते हैं | उस ने हमें सुसमाचार के द्वारा बुलाया और अपने उपहारों से हमें उज्वलित किया और सत्य की आत्मा के द्वारा हमारा पवित्रीकरण किया | वह सभी मसीहियों को बुलाता है, उन्हें इकठ्ठे करता है, उज्वलित करता है और उन्हें मसीह में पवित्र करता है | वह उन्हें उन के विश्वास में बनाये रखता है जो कि एक सत्य धर्म मत है | पवित्र आत्मा हमारी गवाही को प्रभावशाली बना देता है | अगर तुम यीशु को दूसरों के सामने प्रगट करना चाहते हो तो केवल अपनी ही समझ बूझ या अपने अनुभव पर ही विश्वास न करो बल्कि पूरी तरह से बुद्धिमानी की आत्मा को आत्मसमर्पण करो | उस के वचन पर ध्यान दो ताकि तुम यीशु की प्रशंसा करना सीखो | जब तुम यीशु की गवाही दो या आप के विषय में वार्तालाप करो तो आत्मा की आवाज को दिल लगा कर सुनो ताकि तुम प्रभु के प्रभावशाली प्रेरित बन सको |

यीशु ने अपने ग्यारह प्रेरितों को अपने गवाह ठहराया जो उन का अपना विशेष अधीकार था | यह चेले उन सब कामों के आँखों देखे गवाह थे जिन्हें यीशु ने अपने दुनियावी अस्तित्व में पूरा किया | उन्हों ने उस समय में जो कुछ देखा, सुना और स्पर्श किया उस की गवाही दी | उन का वचन परमेश्वर के दुनिया में अस्तित्व को सत्य ठहराता है | हमारा विश्वास भी उसी गवाही पर निर्भर करता है | यीशु ने न कोई किताब लिखी न ही कोई पत्र बल्कि आप ने अपना उद्धार देने वाला वचन पवित्र आत्मा की गवाही के लिये सौंप दिया और अपने चेलों के चरित्र पर विश्वास करते हुए उन के वचन पर छोड़ दिया | सत्य का आत्मा कभी झूट न बोलेगा बल्कि यीशु के चेलों के मुँह से मसीह के प्रेम की शक्ति को इस अस्वस्थ दुनिया में सिद्ध किया | यीशु ने स्वय: अपने प्रेरितों को कहा: “जब पवित्र आत्मा तुम पर आयेगा तब तुम शक्ति पाओगे और मेरे गवाह होगे |”

प्रार्थना: ऐ परमेश्वर के पुत्र, पवित्र परमेश्वर, हम आप की आराधना करते हैं | आप पिता और पवित्र आत्मा के साथ एक हैं, और हमें अनाथ न छोड़ा, बल्कि अपना सत्य का आत्मा भेजा ताकि वह गवाही दे | आप के आने से हमारा पवित्रिकरण हो | हमें आप के लिये गवाही देने की प्रेरणा दीजिये ताकि अधिक संख्या में लोग आप पर विश्वास करें |

प्रश्न:

98. जिस दुनिया ने मसीह को क्रूस पर चढ़ाया उस का परमेश्वर कैसे सामना करता है?

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