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यूहन्ना रचित सुसमाचार – ज्योती अंध्कार में चमकती है।
पवित्र शास्त्र में लिखे हुए यूहन्ना के सुसमाचार पर आधारित पाठ्यक्रम
पहला भाग – दिव्य ज्योति चमकती है (यूहन्ना 1:1 - 4:54)
क - मसीह का पहली बार यरूशलेम को चले आना (यूहन्ना 2:13–4:54) - सही उपासना क्या है?
2. यीशु की निकुदेमुस से बात चीत (यूहन्ना 2:23 – 3:21)

ब) नये जन्म की जरुरत (यूहन्ना 3:1–13)


यूहन्ना 3:6-8
“6 क्योंकि जो शरीर से जन्मा है, वह शरीर है; और जो आत्मा से जन्मा है, वह आत्मा है | 7 अचम्भा न कर, की मैं ने तुझ से कहा कि तुम्हें नये सिरे से जन्म लेना अवश्य है | 8 हवा जिधर चाहती है उधर चलती है. और तू उसका शब्द सुनता है, परन्तु नहीं जानता कि वह कहाँ से आती और किधर को जाती है ? जो कोई आत्मा से जन्मा है वह ऐसा ही है |”

यीशु ने निकुदेमुस को बताया की हर व्यक्ती में बुनयादी बदलाहट लाना ज़रुरी है | यह बदलाहट उतनी ही महान है जितना फर्क शरीर और आत्मा में है | नए नियम में शरीर का अर्थ मनुष्य का पाप में डूबा हुआ चरित्र है जो परमेश्वर से अलग हो जाता है और वह दुष्ट व्यक्ती विनाश की तरफ बढ़ता चला जाता है | इस शब्द में केवल शरीर ही नहीं बल्की विद्रोही के मन और आत्मा का भी समावेष है | यह पूर्ण भ्रष्ट स्थिती है जैसे की मसीह ने कहा : “बुरे विचार दिल ही से निकलते हैं |” कोई भी मनुष्य परमेश्वर के राज्य में प्रवेश करने योग्य नहीं है | मनुष्य जन्म से ही भ्रष्ट होता है और इसी लिये वह भ्रष्टाचार का स्रोत भी है |

आत्मा, पवित्र आत्मा का प्रतीक है यानी स्वंय परमेश्वर, जो सच्चाई से परिपूर्ण पवित्रता, शक्तीमान और प्रेम है | परमेश्वर दुष्टों से घ्रणा नहीं करता परन्तु उसने मसीह में “शरीर” के सिद्धांत पर विजय प्राप्त की है | यह दोबारह जन्म लेने का उद्देश प्रगट करता है | हमारे अन्दर की आत्मा शारीरिक वासना का नाश करती है ताकी जिस काम के लिये हम बुलाये गये हैं उसके लिये जी सकें | क्या तुम नये सिरे से जन्म ले चुके हो और शारीरिक दानवियता से आज़ाद हो चुके हो?

तीसरे अवसर पर मसीह ने निकुदेमुस से बहुत ही नम्रता से कहा : “तुम और तुम्हारी सभा के सभी सदस्यों को और इब्राहीम की सभी सन्तान को नये सिरे से जन्म लेना अवश्य है |” यह तुम्हारा एक कर्तव्य और पवित्र ज़िम्मेदारी है | भाइयो हम यह गवाही देते हैं कि मसीह के मुंह से निकला हुआ यह शब्द “ज़रूरी”, आज्ञात्मीक है | बगैर बुनियादी नवीकरण के तुम परमेश्वर को नहीं जान सकते और उसके राज्य में कभी प्रवेश भी नहीं कर सकते हो |

क्या तुम ने हवा चलने की आवाज़ सुनी है? नये सिरे से जन्म लेने वाले भी ज़ोर से चलने वाली हवा की तरह होते हैं | ऐसा लगता है कि हवा किसी खाली जगह से आती है और वापस चली जाती है | इसी तरह परमेश्वर के संतान वापस अपने पिता के पास चले जाते हैं, जहां से वो जन्म ले कर आये थे | हवा की आवाज़ उसकी उपस्थिती का संकेत देती है |

नये सिरे से जन्म लेने वालों की सही पहचान पवित्र आत्मा की आवाज़ के द्वारा होती है जो उनके अन्दर से निकलती है | हम आम आदमी की तरह स्वाभाविक आवाज़ से नहीं बोलते जो दिमाग से निकलती है | पवित्र आत्मा इस दुनिया से दूर पर से विश्वासी के अन्दर आती है और परमेश्वर की शक्ती की आवाज़ बन जाती है | क्या वो आपके दिल पर उतर चुकी है |

यूहन्ना 3:9-13
“ 9 निकुदेमुस ने उसको उत्तर दिया; कि ये बातें क्योंकर हो सकती हैं? 10 यह सुनकर यीशु ने उस से कहा; तू इस्राएलियों का गुरु हो कर भी क्या इन बातों को नहीं समझता | 11 मैं तुझ से सच सच कहता हूं कि हम जो जानते हैं वह कहते हैं , और जिसे हम ने देखा है, उस की गवाही देते हैं, और तुम हमारी गवाही ग्रहण नहीं करते | 12 जब मैं ने तुम से पृथ्वी की बातें कहीं, और तुम प्रतीति नहीं करते, तो यदि मैं तुम से स्वर्ग की बातें कहूं तो फिर स्वीकार प्रतीति करोगे? 13 और कोई स्वर्ग पर नहीं चढा, केवल वही जो स्वर्ग से उतरा, अर्थात मनुष्य का पुत्र जो स्वर्ग में है |”

मसीह के स्पष्टिकरण में निकुदेमुस ने पवित्र आत्मा के झोंके को महसूस किया | उसका दिल दिव्य प्रतिक्रिया की ओर आकर्षित हुआ परन्तु उसका दिमाग इसे महसूस न कर सका और ना ही वह इस सच्चाई की गहराई तक पहुंच सका | उस ने बड़बड़ाते हुए कहा, मैं नहीं जानता कि ऐसा जन्म कैसे हो सकता है? इस तरह उसने स्वीकार किया कि वह समझने में असफल रहा | यीशु ने निर्देशन जारी रखा, “तुम एक आदरनिय शिक्षक हो और मेरे पास आये, जब की दूसरे लोगों ने अपने आप को बुद्धिमान और महान समझ कर मेरे पास आकार वार्तालाप करना ठीक नहीं समझा | तुम उन से श्रेष्ठ हो फिर भी पवित्र आत्मा के प्रयोजन का अर्थ नहीं समझ सके | तुम्हारी सारी आराधना, चढावे और व्यवस्था के पालन के सारे प्रयत्न बेकार हैं | तुम परमेश्वर के राज्य के साधारण नियमों को भी नहीं जानते |

तीसरी बार मसीह ने अपना एक महत्त्वपूर्ण मुहाविरा कहा: “मैं तुम से सच सच कहता हूँ|” मसीह हर बार इस मुहावरे के बाद एक नया अनावरण करते हैं क्योंकी हमारे दिमाग समझने में मंद हैं |

निकुदेमुस को दी जाने वाली इस शिक्षा में उस ने क्या सिखा ? मसीह ने अपने लिये एकवचन सर्वनाम “मैं” से बहुवचन “हम” का प्रयोग करके स्वंय को आत्मा की आवाज़ से मिला दिया | मसीह और परमेश्वर एक हैं और आप परमेश्वर का अवतरित वचन हैं | मसीह एक ऐसी सच्चाई सिखाते हैं जिसे सब नहीं जानते | आप उन तथ्यों की गवाही देते हैं जिन का ज्ञान आप को पवित्र आत्मा की संगती में होता है | इस लिये हम इस गवाही को स्वीकार करते है और उस पर विश्वास करते हैं |

वह क्या था जिसे मसीह मनुष्यों से ज्यादा जानते थे? आप परमेश्वर को जानते थे और उसे पिता कह कर पुकारते थे | यह रहस्य आत्मा से खाली नेताओं के पूर्वाग्रहपूर्ण मन में प्रवेश नहीं कर पाता | मसीह अपने पिता की तरफ से आये और वापस उसी के पास चले गये | आप आसमान पर से उतर कर आये थे और वापस फिर वहीँ पर चले गये | जब परमेश्वर का आत्मा मसीह के रूप में देहधारी हुआ तब परमेश्वर और मनुष्य के बीच के इस अलगाव का अन्त हो गया | अब अनन्त परमेश्वर दूर और डरावना नहीं परन्तु नजदीक और स्नेहशील है |

आश्चर्य की बात यह है कि सच्चाई के बारे में लोग इस गवाही को समझ न सके | आत्मा से जन्म लेने वाले बेटे और उसके पिता की एकता को महसूस न किया क्योंकि उन्होंने विश्वास करने से इन्कार किया और अपनी अधर्मीयता को स्वीकार भी न किया | उन्होंने नये जन्म को ज़रुरी नहीं समझा बल्की इस धोके में रहे कि वो अच्छे और बुद्धिमान हैं | उन्होंने इस बात को जानना चाहिये था कि उनकी आत्मनिर्भरता उन्हें पवित्र त्रिय (पिता, पुत्र और पवित्र आत्मा) की एकता समझने में सहायता नहीं दे सकती |

प्रार्थना: हे पिता, पुत्र और पवित्र आत्मा, हम आपकी अराधना करते हैं | आपने अपने प्रेम की जमानत में हमारा नवीकरण करके हमें आपकी सच्चाई की सन्तान बना लिया | ऐसा हो कि आपकी सच्चाई और आत्मा हमारे देश पर उतरे ताकी बहुत से लोग उद्धार पायें | इस तरह पिता, पुत्र और पवित्र आत्मा के बारे में गवाही दूर दूर तक फैले और हमारी राष्ट्रिय भाषा में भी स्पष्ट हो ताकी बहुत से लोग नये सिरे से जन्म लें |

प्रश्न:

27. विश्वासियों में नये जन्म के क्या चिन्ह दिखाई देते हैं?

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